तेरे ख्याल से खुद को छुपा के देखा है,
दिल-ओ-नजर को रुला-रुला के देखा है,
तू नहीं तो कुछ भी नहीं है तेरी कसम,
मैंने कुछ पल तुझे भुला के देखा है।
हम उनकी हर ख्वाहिश
पूरी करने का वादा कर बैठे,
हमें क्या पता था
हमें छोड़ना ही एक ख्वाहिश थी।
बहुत खास थे कभी
नजरों में किसी के हम भी,
मगर नजरों के तकाज़े
बदलने में देर कहाँ लगती है।